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नागदा- ठेका श्रमिकों के समर्थन में उतरी महिला सामाजिक कार्यकर्ता, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
नागदा- ठेका श्रमिकों के समर्थन में उतरी महिला सामाजिक कार्यकर्ता, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
MPNEWS24
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सितंबर 08, 2020
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NAGDA(MPNEWS24)। कोरोना संक्रमण काल में लाॅकडाउन के बाद से ही स्थानिय उद्योगों में ठेका श्रमिकों को कार्य पर नहीं रखा जा रहा है। इस मुद्दे सहित अन्य बिन्दुओं को लेकर महिला सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती हेमलता तौमर ने पाॅंच सूत्रीय ज्ञापन कलेक्टर के नाम एसडीएम को सौंपा तथा ठेका श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण की मांग की।
क्या है मामला
ग्रेसिम उद्योग के ठेका श्रमिको को पुनः कार्य पर रखने की मांग को लेकर आज सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती हेमलता तोमर ने अपने साथियो व ठेका श्रमिकों के साथ कलेक्टर उज्जैन एवं एसडीएम नागदा के नाम एक तहसीलदार आरके गुहा को सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि नागदा में ग्रेसिम उद्योग में लगभग 3500 ठेका श्रमिक कार्य करते है। जो श्रमिक वर्षो से ग्रेसिम उद्योग में कार्य कर रहे है वर्तमान में उद्योग समूह द्वारा ठेका श्रमिको को कार्य पर नहीं रखा जा रहा है। जिसके कारण इनके सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है व कार्य नहीं मिलने के कारण उन लोगो के सामने भुखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
कोरोना लाॅकडाउन के बाद उत्पन्न हुई स्थिति
श्रीमती तोमर ने बताया कि कोरोना काल में 22 मार्च को कोविड-19 के कारण पुरे देश में लगे लाॅकडाउन के कारण सभी उद्योगो ने कार्य बंद कर दिया था। इसी प्रका ग्रेसिम उद्योग ने भी अपनी क्षमता से कम कार्य कर रहा था। अनलॉक लागु होने के बाद ग्रेसिम उद्योग ने अपना कार्य प्रारम्भ कर पुनः उत्पादन करने लगे। वर्तमान में कलेक्टर द्वारा उद्योग को 100 प्रतिशत सुचारू रूप से चालु करने की अनुमति दे दी है। बावजूद इसके उद्योग अपनी मनमानी व हठधर्मिता पर आमादा है और ठेका श्रमिको को कार्य पर नहीं रखा जा रहा है। जिससे ठेका श्रमिक पर बेरोजगारी का खतरा उत्पन्न हो गया है और ठेका श्रमिको को अपना गृहस्थी चलाने एवं अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहे है।
इन बिन्दुओं के निराकरण की मांग की
ज्ञापन में मांग की गई कि लाॅकडाउन लगने के पहले से उद्योग में कार्यरत समस्त ठेका श्रमिको को ग्रेसिम उद्योग में पुनः कार्य पर रखा जावे। सभी ठेका श्रमिको 18 मई से पुनः कार्य पर रखे जाने के बीच की सम्पूर्ण अवधि का पूर्ण वेतन दिलवाया जावे। ठेका श्रमिको पर उनकी क्षमता से अधिक कार्य करवाने हेतु दबाव न बनाया जावे। किसी भी ठेका श्रमिक के विरूद्ध उद्योग प्रबंधक द्वारा बदले की कार्यवाही न की जावे। स्थानीय ठेकेदारो एवं स्थानीय श्रमिको को उद्योग में कार्य की प्राथमिकता दी जावे। उन्होंने कहा कि यदि उपरोक्त मांगे नहीं मानी गई एवं ठेका श्रमिको के साथ इसी प्रकार अन्याय हुआ तो ठेका श्रमिको के हितो के लिये हमें आंदोलन करना पड़ेगा। जिसके लिये प्रशासन जिम्मेदार होगा।
यह थे उपस्थित
इस अवसर पर श्रीमती तौमर के अलावा, एडवोकेट शैलेन्द्रसिंह चैहान, डॉ. प्रमोद बाथम, डॉ. शंकर गुर्जर, रमेशचन्द्र गौतम, पूर्व पार्षद दिनदयाल चुकरी, सुन्दरबाई, रतनसिंह, ममता, सुरजबाई, सम्पतबाई, रामकन्या बाई, राजेन्द्रसिंह, घनश्याम, श्यामलाल आदि उपस्थित थे।
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