Nagda(mpnews24)। कोरोना संक्रमण काल जबकि प्रत्येक नागरिक को इससे बचने व सावधान रहने के लिए कहा जा रहा है वहीं विभिन्न डिबेट एवं आम नागरिकों में इस बात की गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि शरीर के ताप (टेम्प्रेचर) को मापने के लिए जिस टेम्प्रेचर गन का उपयोग विभिन्न स्थलों पर किया जाता है उससे निकलने वाली इन्फ्रारेड किरणों से मनुष्य के शरीर को नुकसान होता है।
उक्त संबंध में क्षेत्र के जाने-माने चिकित्सक एवं पूर्व ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. संजीव कुमरावत ने समाज में फैल रही इस भ्रांति को दूर करते हुए बताया है कि इंफ्रारेड लाइट थर्मामीटर से नही निकलती बल्कि हमारे शरीर से निकलती है और ये थर्मामीटर शरीर से निकली इंफ्रारेड को नाप कर टेम्परेचर बताता है। साधारण शब्दों में कहुॅं तो कोई भी वस्तु या हमारा शरीर जब गर्म होता है, तो उसमे से इंफ्रारेड किरणे निकलती है शरीर या वस्तु से निकली इन्ही इंफ्रारेड को ये थर्मामीटर इलेक्ट्रिक सिग्नल मे बदल कर टेम्परेचर बताता है।
डाॅक्टर कुमरावत ने बताया कि स्पष्ट है कि थर्मामीटर इंफ्रारेड किरणें नही निकालता न ही हमारे शरीर मे डालता है। असल में तो इंफ्रारेड किरणे हमारे शरीर से ही निकलती है, थर्मामीटर इनसे टेम्परेचर नापता है। डाॅ. कुमरावत ने नागरिकों से अपील की है कि बिना समझे, बिना जाने विषेशज्ञ की हेसियत से किसी भी सब्जेक्ट पर बोलना आजकल फैशन बन गया है, ऐसे में इस प्रकार के किसी भी भूलावे या बहकावे में न आऐं। चिकित्सकगण की सलाह उपरांत सही निर्णय लेवें।
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