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नागदा - उच्च न्यायालय में याचिका के बाद 50 प्रभारी मुनपा अधिकारियों को शासन ने भेजा मूल पदों पर दो याचिकाओं पर न्यायालय पूर्व में ही दे चुका है निर्णय, आदेश के पालन हेतु अभय चैपडा ने इन्दौर खण्डपीठ में दायर की थी याचिका




Nagda(mpnews24)।   मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा एक आदेश जारी करते पचास ऐसे प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारीयों को पद से हटा दिया है जो कि लेखापाल, सहायक लेखापाल, क्लर्क या अन्य पद पर रहते हुए मलाईदार नगर पालिकाओ पर कब्जा जमाये हुए थे। राज्य शासन द्वारा वर्ष 2012 मे जबलपुर उच्च न्यायालय के नगर पालिकाओं से प्रभारी सीएमओ हटाने एवं वर्ष 2015 के केडर सीएमओ के फैसले का अब जाकर क्रियान्वयन किया है।


बताया जाता है कि प्रदेश में 100 नगर पालिकाओं सहित कुल 389 नगरीय निकाय है और क, ख, ग श्रेणी के 267 मुख्य नगर पालिका अधिकारी है। लगभग 150 से ज्यादह सीएमओ को मंत्रालय द्वारा नगर निगम मंत्रालय पीओ डूडा ओर अन्य जगह पदस्थ कर रखा है तथा कई प्रथम श्रेणी कि मलाईदार नगर पालिकाऐं प्रभारी के सहारे चल रही थी। उज्जैन सम्भाग का तो यह आलम है कि कुल 63 मे से 52 नगर पालिकाओं में प्रभारी अधिकारी पदस्थ थे। जबकि पहले 267 सीएमओ को नियुक्त करना था इसके बात प्रभारी अधिकारीयों की नियुक्ति की जाना चाहिए थी। परन्तु शासन ने राजनेताओं के प्रशय वाले प्रभारी अधिकारीयों को मुनपा अधिकारी के पद पर आसीन कर रखा था।


क्या दिया है शासन ने आदेश
मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा 23 सितम्बर को आदेश जारी करते हुए इस बात का उल्लेख किया है कि उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका 5135/12 में पारित निर्णय दिनांक 3 अक्टूबर 2013 एवं याचिका क्र. 625/15 में पारित निर्णय दिनांक 22 अप्रैल 2015 में यह स्पष्ट निर्देश दिए गये हैंु कि मुख्य नगर पालिकिा अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु फीडर कैडर में नहीं आने वाले कर्मचारियों को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद से मूल पद पर प्रत्यावर्तित कर उनके स्थान पर नियमित मुख्य नगर पालिका अधिकारियों की अथवा मुख्य नगर पालिका अधिकारी की पदोन्नति हेतु विचार क्षेत्र में आने वाले अधिकारियों की पदस्थापना की जाऐ। आदेश के साथ ही 50 प्रभारी मुनपा अधिकारियों को अपने मूल पद पर भेजे जाने के आदेश भी जारी कर दिए। साथ ही इन्हें तत्काल रिलिव करने की बात भी आदेश में दर्ज की गई है।


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चैपडा ने उच्च न्यायालय में लगाई थी याचिका

इसी को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अभय चैपड़ा ने एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय कि इन्दौर खण्डपीठ पर लगाई थी जिसे न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया था। शासकीय अधिवता के द्वारा दी गई गलत जानकारी के आधार पर न्यायालय मे याचिकाकर्ता द्वारा रिव्यू पिटीशन क्र. आरपी00819/2020 लगाई थी। शासन द्वारा नोटिस के जबाब से पहले याचिका में उठाये गये विषयो के आधार पर लगभग अस्सी प्रभारियो से प्रभार छीन लिया है।


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खाचरौद, उन्हेल के सीएमओ भी हुए प्रभावित

शासन द्वारा 23 सितम्बर को जारी किए गए आदेश में खाचरौद नगर पालिका में पदस्थ प्रभारी मुनपा अधिकारी जीवनराय माथुर (मुख्य लिपिक सह लेखापाल) एवं उन्हेल के प्रभारी संजय देवडा (सहायक ग्रेड-2) को उन्हीं निकायों में मूल पद पर पदस्थ कर दिया गया है।

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