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नागदा - शासन को विष्णुकुमार समाज सेवा स्मृति पुरस्कार देने के लिए चार वर्षों तक मापदण्डों के अनुरूप नहीं मिले चेहरे



Nagda(mpnews24)।   मध्यप्रदेश अनुसूुचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विष्णुकुमार समाज सेवा सम्मान में दी जाने वाली एक लाख की सम्मान निधि पुरस्कार के लिए चार वर्षों तक मापदंडों के अनुरूप चेहरे नहीं मिल पाऐ। समाजसेवी विष्णु कुमार की स्मृति में अनुसूचित जाति समुदाय के क्षेत्रों में निस्वार्थ सेवा के उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों-समाजसेवी को पुस्कार दिया जाता है, जिसने परंपरागत तरीकों से हटकर संपूर्ण मप्र में नवाचार किया हो। पुरस्कार के लिए प्रविष्टियां मांगी गई थी। आमंत्रित प्रविष्टियों में वर्ष 2012 से वर्ष 2015-16 में कोई भी आवेदक विचार योग्य नहीं पाया गया। पुरस्कार के लिए 16 मई 2016 को विज्ञप्ति जारी की गई थी। इस पुरस्कार के लिए आंमत्रित प्रविष्टियों को लेकर नागदा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता बंटू बोडाना चंद्रवंशी ने आयुक्त अनुसूचित जाति विकास, राजीव भवन श्यामला हिल्स भोपाल से जानकारियां मांगी थी जिसमें यह खुलासा हुआ है।

प्रत्येक वर्ष इस प्रकार मिली प्रविष्टियां
प्रमाणित अभिलेखों के अनुसार वर्ष 2012-13 में 13 प्रविष्टियां, 2013-2014 में 10 प्रविष्टियां, 2014-15 में 07 तथा 2015-2016 में 27 प्रविष्टियां प्राप्त हुई। इनमें विचार करने के लिए विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश पर जूरी की बैठक 20 मार्च 2017 को रखी गई थी। इन प्रमाणित अभिलेखों में यह भी बताया गया कि गठित जूरी में कुल 6 सदस्यों को शामिल किया गया था। जिसमें ज्ञानसिंह मंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अध्यक्ष थे। बतोैर सदस्य प्रमुख सचिव मप्र शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, रामसजीवन सेवानिवृत आईएएस भोपाल, विजय आनंद कुरिल सेवानिवृत आईएएस जबलपुर, गुलाब चंद रिछारिया, सरदार पटेल स्कूल के पास शहडोल एवं दीपाली रस्तोगी आयुक्त अनुसूचित जाति विकास मप्र को शामिल किया गया। बैठक में गुलाबचंद रिछारिया को छोडकर सभी उपस्थित हुए। इन अभिलेखों में खुलासा किया गया कि उक्त चार वर्षो के लिए कोई भी आवेदक विचार योग्य नहीं पाया गया। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंत्रालय के आरटीआई में प्रमाणित इस अभिलेख पर प्रमुख सचिव अशोक शाह मप्र शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, आयुक्त दीपाली रस्तोगी अनुसूचित जाति विकास, सेवा निवृत आई.ए.एस रामसजीवन एवं विजय आनंद सेवान निवृत के हस्ताक्षर है।

वर्ष 2015-16 के पुरस्कारों की दौड में शामिल थी नागदा एवं उज्जैन की प्रविष्ठि
प्राप्त जानकारी में वर्ष 2015-16 के उन आवेदकों की सूची भी संलग्र की गई, जो उक्त वर्ष के लिए पुरस्कार की दौड़ में शामिल थे। कुल 27 नामों का खुलासा  किया गया। सूची के अनुसार अमित राय बैतूल, एमएस बिशोटिया ग्लवालियर, विजयसिंह जाटव मुरैना, केडी प्रजापति छतरपुर, डॉ ऋषि कुमार वनसोडे परासिया, पूजा चैधरी जबलपुर, उमेश यादव गढाकोटा, मुकेश टटवाल उज्जैन, फूलसिंह माथुर ग्वालियर, डॉ. धर्मेद्र कुमार सतनामी सतना, दुलीचंद राजोरिया क्षिप्रा देवास, राजेश गायकवाड़ बुरहानपुर, राजेश कटारे ग्वालियर, कल्लुराम जाटव पन्ना, लीलाधर रलोती हाटपिपलिया देवास, अंबाराम परमार नागदा, नाथुराम रातौरिया भिंड, स्वरूरूप चंदचाकरे बमनगांव भीला, रामदयाल शास्त्री ग्राम पाटन जबलपुर, महेश प्रसाद कटारे इटारसी, बालकराम ब्रम्हने सिवनी, हेमा गोगिया बुरहानपुर, राजू आठनेरे बैतूल, राहुल रंगारे भोपाल, श्यामलाल अहिरवार गांव सारसबगली दमोह, रामेश्वर शिंदे इंदौर एवं चैधरी रामनाथ अहिरवार दमोह के नाम दौड़ में शामिल थे।

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क्यों दिया जाता है सम्मान

विष्णु कुमार अनुसूचित जाति समाज सेवा सम्मान मध्य प्रदेश शासन द्वारा अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों की निरूस्वार्थ सेवा के लिए व्यक्ति या स्वयंसेवी संस्था को श्अनुसूचित जाति कल्याण विभागश् द्वारा प्रदान किया जाता है। यह एक राज्य स्तरीय सम्मान है। इस राज्य स्तरीय सम्मान के अंतर्गत एक लाख रुपये की सम्मान निधि एवं प्रशस्ति पट्टिका प्रदान की जाती है। विष्णु कुमार अनुसूचित जाति समाज सेवा सम्मान किसी एक उपलब्धि के लिए न होकर अनुसूचित जाति के समग्र उत्थान के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन और असाधारण उपलब्धि के लिये प्रदान किया जाता है।
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