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नागदा - फीस को लेकर तीन दिनों में होगा निर्णय, एसडीएम द्वारा गठित दल ने की स्कूल प्रबंधन से चर्चा



Nagda(mpnews24)।   कोरोना संक्रमण काल में शहर में संचालित विभिन्न स्कूलों द्वारा विद्यार्थीयों के बिना स्कूल गए ही अत्यधिक फीस वसूले जाने की शिकायतें अनुविभागीय कार्यालय में मिलने पर एसडीएम आशुतोष गोस्वामी ने एक दल का गठन कर फीस के मामले का निराकरण किए जाने की पहल की है। एसडीएम द्वारा गठित दल द्वारा मंगलवार को विभिन्न स्कूलों का दौरा कर उनके प्रबंधकों से चर्चा की गई तथा उन्हें तीन दिवस का समय देते हुए फीस निर्धारण को लेकर निर्णय लेने की बात कही है। प्रशासन एवं स्कूल प्रबंधन के मध्य आगामी दो-तीन दिन में एक बैठक भी आहुत की गई है जिसमें फीस संबंधी मामले का निराकरण संभवतः हो जाऐगा।

क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में संचालित अग्रणी शिक्षण संस्थाऐं जिसमें आदित्य बिरला उद्योग समूह द्वारा संचालित तीन विद्यालय आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल, आदित्य बिरला सिनियर सेकेण्डरी स्कूल, आदित्य बिरला हायर सेकेण्डरी विद्यालय के अलावा फातिमा कान्वेंट विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यार्थीयों से बिना स्कूल गए ही फीस की मांग किए जाने संबंधी कई शिकायतें स्थानिय अनुविभागीय कार्यालय में मिल रही थी तथा अभिभावकों द्वारा ज्ञापन आदि भी प्रेषित किए गए थे।

एसडीएम ने चार सदस्यीय बनाया जांच दल
एसडीएम श्री गोस्वामी ने मंगलवार को आदेश जारी कर चार अधिकारियों का एक दल बना कर उन्हें आदेशित किया है कि अभिभावकों द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत कर स्कूल फीस संबंधित मुद्दे उठाये गये हैं शासन के निर्देशासनुसार अशासकीय स्कूलों द्वारा केवल ट्यूशन फीस ली जाना है। ऐसे में अशासकीय स्कूलों की जांच हेतु तहसीलदार राजेन्द्र गुहा, ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी सनत व्यास, ब्लाॅक शिक्षा समन्वयक प्रणव द्विवेदी एवं संकूल प्राचार्य राधेश्याम तिवारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि उक्त दल शासकीय स्कूलों से पिछले साल की ट्यूशन फीस की जानकारी प्राप्त कर यह सुनिश्चित करे कि स्कूल बढा कर फीस ना मांगे। साथ ही दल से जांच प्रतिवेदन भी मांगा गया है।

लगातार फीस जमा करने हेतु दबाव बना रहे स्कूल संचालक
मामले में हमारे प्रतिनिधि को कई अभिभावकों ने बताया कि बिरलाग्राम में संचालित होने वाले नामचिन स्कूल के प्रबंधन द्वारा लगातार फीस जमा करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के आॅनलाईन क्लासेस उपलब्ध करवा रहे हैं ऐसे में उनके द्वारा पुरी फीस की मांग की जा रही है तथ फीस जमा नहीं करने पर विद्यार्थीयों को स्कूल से बाहर कर देने की मौखिक धमकी भी दी जा रही है। बताया जाता है कि विद्यालय द्वारा ट्यूशन फीस में ही संपूर्ण फीस को जोड दिया गया है जिसके चलते ट्यूशन फीस ही पुरे माह की फीस के बराबर हो गई है। ऐसे में प्रशासन को जांच करना चाहिए कि वास्तविक ट्यूशन फीस एवं संपूर्ण माह की फीस पूर्व के वर्षो में किनती थी। उसके बाद ही अभिभावकों को विद्यालय प्रबंधन की दादागिरी से बचाया जा सकेगा।

उच्च न्यायालय ने भी सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया है
कोरोना संक्रमण महामारी काल में वैसे ही देश के प्रत्येक अभिभावक की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है। साथ ही शहर में 3500 ठेका श्रमिक बेरोजगार हुए है व अन्य निजी व्यवसाईयों को भी लाॅकडाउन के चलते बडा आर्थिक नुकसान हुआ है। बावजुद इसके बिना स्कूल गए ही विद्यार्थीयों से स्कूल प्रबंधन द्वारा पुरे माह की स्कूल फीस मांगी जा रही है जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। ऐसे में नवागत एसडीएम श्री गोस्वामी द्वारा की जा रही कार्रवाई से अभिभावकों को उम्मीद जगी है।

इनका कहना है
एसडीएम साहब के निर्देश पर गठित दल द्वारा मंगलवार को शहर के चार विद्यालयों के प्रबंधन से मुलाकात कर चर्चा की गई है। उन्हें अवगत कराया गया है कि शासन के द्वारा महामारी के चलते सिर्फ ट्यूशन फीस लिए जाने के ही निर्देश दिए गए हैं ऐसे में वह विद्यार्थीयों से सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेवे। प्रबंधन के निर्णय से दो-तीन दिन में अवगत कराने को भी कहा गया है। जल्द ही उनकी मिटिंग बुलाकर फीस का निर्धारण कर दिया जावेगा।
राजेन्द्र गुहा, तहसीलदार, नागदा
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