प्रेषित ज्ञापन में अभिभाषक पहल मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि सम्पूर्ण देश में महिलाओं के प्रति हो रहे (लैंगिक अपराधों) में आये दिन बढोतरी होती जा रही है। वर्ष 2013 में दिल्ली में निर्भया काण्ड हुआ उसके पश्चात महिलाओं के प्रति हो रहे लैंगिक अपराधों के सम्बंध में कानून बनाये गये, लेकिन उसके पश्चात भी महिलाओं के प्रति अपराधों पर अंकूश नहीं लगे।
ज्ञापन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस के गांव भुलगढी में 19 वर्षिय बालिका के साथ आरोपीयों द्वारा 14 सितम्बर को जघन्य अपराध कारित किया गया, जिसमें पिडिता के साथ सामुहिक दुष्कर्म किया गया तथा उसकी रीढ की हड्डी तोड दी गई व जीभ काट दी गई। इस प्रकार आरोपीगण द्वारा पीडीता के साथ अमानवीय एवं जघन्य अपराध किया गया। पिडिता की 29 सितम्बर को घटना के फलस्वरूप मृत्यु हो गई। आरेापीगण द्वारा जो जघन्य अपराध किया गया है, उसकी अभिभाषक पहल मंच नागदा इकाई घोर निन्दा करती है तथा आरोपीयों के विरूद्ध त्वरित कार्यवाही एवं विचारण कर कडी से कडी से सजा की मांग करता है ताकि भविष्य में महिलाओं के प्रति होने वाली घटनाओं को रोका जा सके तथा कठोर कानून बनाये जाने की अपील करता है। जिससे ऐसी घटनाऐं सम्पूर्ण भारत वर्ष में ना हो सके।
ज्ञापन में अभिभाषक पहल मंच के समस्त सदस्यों ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मांग की गई कि महिलाओं की सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था की जावे कि कोई व्यक्ति महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का कोई अपराध कारित ना कर सके और उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई घटना की पुनरावृत्ति ना हो तथा महिलाओं को सुरक्षा तत्काल उपलब्ध कराई जावे।
यह थे उपस्थित
ज्ञापन देते समय अभिभाषक अब्दूल पठान, संध्या गोखले, फरीद खान, सुश्री रीना सुयल, कांता सरोज, आदित्यसिंह तंवर, शकेब एहमद, श्रीमती प्रीति जैना श्रीमाल, सुशीला पाल, स्मिता कुमार, श्रीमती माधुरी रघुवंशी, जगतसिंह तिरवार, कृष्णा निषाद, पूर्वी शर्मा, जितेन्द्र सुनेरी, रितेश तिवारी, अजय जूनवाल, एसके साहू, जेपी वाडिया, नाहरू खान, जफर उस्मानी, नदीम कुरैशी, आदित्य उपाध्याय, विष्णु चैहान, प्रेम चावडा, कुतुबुद्दीन कुरैशी आदि उपस्थित थे। ज्ञापन का वाचन सुश्री रीना सुयल ने किया एवं जानकारी अभिभाषक पहल मंच जिला सहसंयोजक राजकुमार मिमरोट एडवोकेट ने दी।
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