केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार को साहूकारी अधिनियम में संशोधन करने की मंजूरी दी थी। उसके बाद ही मध्यप्रदेश के इस सत्र में उक्त संशोधन को लाया गया था जो सोमवार को पारित भी हो गया है। इसके साथ ही अब गैर लाईसेंसी साहूकारों द्वारा 15 अगस्त 2020 तक दिए ऋण को शून्य करने के लिए अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 लाने की भी अनुमती मिल गई है। दोनों विधेयकों के पारित होने ऐसे साहुकारों की परेशानी अब बढ जाऐगी जो बिना लायसेंस के ही साहुकारी का धंधा विभिन्न शहरों में कर रहे थे साथ ही अत्यधिक ब्याजदरों पर लोगों को रूपया देते थे तथा बाद में उन्हें परेशान किया करते थे।
शहर में भी ऐसे कई साहुकार जो चला रहे बिना लायसेंस के अपना व्यापार
गौरतलब है कि शहर में भी ऐसे कई साहुकार है जो बिना लायसेंस के ही ब्याज का धंधा धडल्ले से चला रहे हैं। ऐसे में उक्त प्रावधानों के विधानसभा में पारित होने के साथ ही उनकी परेशानी बढ सकती है। साथ ही जिन लोगों को उंची ब्याजदरों पर धनराशि दे रखी है ऐसे व्यक्ति यदि अपनी परेशानी को प्रशासन स्तर पर बताते हैं तो साहुकारों से चंगुल से भी बच सकते हैं। ऐसे में मौटा ब्याज देने वाले भोले-भाले नागरिकों को अब साहुकार नहीं ढग सकेंगे।
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